Saturday 27 May 2017

Braj Bhasha Ke Chutkukuley


Braj ki Bhasha:Brajbhasha-

ब्रज भाषा जैसा काव्य किसी और भाषा में नहीं
ब्रजभाषा गद्य लेखन में अभी काम कम हुआ है हम सभी को प्रयास करने चाहिए कि गद्य की सभी विधाओं में लेखन कार्य हो।
ब्रजभाषा में नीति काव्य पूर्ण दक्ष है। ऐसा नीति काव्य और किसी भाषा में नहीं है।


भविष्य में मथुरा में मेट्रो आबैगी तौ salutation और information की लिया-देइ या तरीका ते करी जा करैगी |
गाड़ी की दिशा में जाबे बारौ डिब्बा, लुगाइन के लैं घिरौ भयौ है
या डिब्बा में चढ़बे की कोशिश करबे बारौ, 'दंड कौ भागी' होयगौ |
ई गाड़ी नए बसड्डे ते "गोवेर्धन चौराहे" तक जायगी, 'कंकाली बारे' भुतेस्वर पै उतर जइयों |
'जंक्शन ते टाउनशिप' जाबे बारी गाड़ी कौ "यात्री किरायौ" आधौ कर दियौ है, म्हां जाबे बारे खूब लाभ उठाऔ |
अगलौ स्टेशन कृष्णा नगर चौरायौ है, रामलीला मैदान बारे कृष्णा नगर बजार मांऊँ उतरैं और राधानगर बारे
मोहन मिष्ठान मांऊँ |
Image may contain: train and outdoor



1-मथुरा में एक बाप अपने बेटे ते रात कूँ सोमते समय, "लाला, तोय पतौ है, पेट्रोल सस्तो है गयो है।
बेटा : हम्बै ! है तौ गयौ है,, फिर....।
बाप : फिर कछु नाँय, या मोबाइल बंद करकें चुपचाप सो जा। नाँय, तौ पेट्रोल छिरक कैं आग लगा दंगो ... सारे में।

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2-एक छोरा कूँ रस्ता में शंकर भगवान् मिलगे ,बिन्नै बा छोरा कूँ अमृत पान करबे कूँ दियौ |
छोरा - नैक रुकौ भगवान, अबई राजश्री खायौ ऍह|

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3-ग्राहक-गुलाब जामुन कैसैं दिए ऍह |
हलवाई -१२० रुपैया किलो तराजू ते तोल कैं |
ग्राहक- अच्छा ! एक किलो दीजो और जलेबी काह भाव ऍह |
हलवाई – ८०/- रु. किलो.
ग्राहक- अच्छौ ! तौ गुलाब जामुनन नै रहन दै | १ किलो.जलेबी दै दै |
हलवाई – ठीक है भैया ई लेओ जलेबी १ किलो.
ग्राहक – धन्यवाद, राम राम भैया जी !
हलवाई – अरे भाईया , जलेबी के तौ पइसा दै जा |
ग्राहक – पइसा कयके ,जलेबी तौ गुलाब जामुनन के बटकी लिए हैं |
हलवाई – तौ गुलाब जामुनन के पइसा दै जाऔ
ग्राहक – अरे भैया जी, गुलाब जामुन तौ लिए ई नाँय फिर कायके ?
राम राम !