Saturday, 27 May 2017

Bollywood/Hollywood Actors Who Are Fluent in Many Languages

Deepika Padukone-
Deepika Padukone, born 5 January 1986 in Copenhagen, Denmark, is an Indian model & actress. She is the daughter of former badminton champion Prakash Padukone. Her mother tongue is Konkani.She know Hindi, English very well.

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Vidya Balan- According to Vidya, they speak a mix of Tamil and Malayalam at home; she is also well versed in Hindi, Marathi, English and  Bengali.  Her elder sister, Priya Balan, works in the field of advertising.



Shah Rukh Khan – The king of Bollywood is not only blessed with exceptional acting skills but also know an array of languages. Shahrukh’s first language is Pashto, which is from Peshawar Pakistan while he speaks Urdu, Hindi and English, Kannada.





Amitabh Bachchan-  Bachchan was born in Allahabad, Uttar Pradesh, in north central India. Bachchan’s native language is Hindi and Punjabi. His father, Harivansh Rai Bachchan was a Hindi poet and his mother,Teji Bachchan was a Punjabi Sikh from Faislabad, now in Pakistan.

  


Aishwarya Rai- Born into a traditional south Indian family, Rai's native language is Tulu, Kannada she also speaks Hindi, English, Bangla, Marathi, Urdu, Telugu, and Tamil.



Kangana Ranaut - Kangana Ranaut was born in a Hindi speaking Ranaut family and is always singled out for her bad Eglish speaking skills. Kangana can well speak Hindi, English and French quite well.
 


 Katrina Kaif- Katrina was born in Hong Kong to an Indian Kashmiri father, Mohammed Kaif, and an English mother, Suzanne Turquotte, both of whom are British citizens. Her parents divorced when she was very young. Kaif has seven siblings. She was raised in Hawaii and later moved to her mother’s home country, England. He native language is Kashmiri and English.



Leonardo Di Caprio- Leonardo is the son of a a World War II bombing raid in Germany, so it’s no wonder he is fluent in German! Dicarprio’s mother was a German native and made sure to give Leo a permanent reminder of his heritage.



Arnold Schwarzenegger-  Arnold Schwarzenegger speaks an accent so you may have already assumed he knew a second language. Arnold is originally from Austria and German is his native language!



Natalie Portman (Hebrew) - Whether because she keeps her private life private or because she changed her name from Herslag to Portman, a lot of people don't know just how important Natalie's Jewish heritage is to her, or that she was actually born in Israel. So with that in mind, Portman's ability to converse in Hebrew shouldn't come as much of a shock.


Bradley Cooper — (French) Being voted the "sexiest man alive" should do wonders for a guy's chances with the opposite sex. Likewise, being able to carry on a conversation in what is often called the sexiest language in the world can't hurt either. Bradley Cooper must have been a great person in his past life because he has both those boxes checked.


कमल हासन (जन्म 7 नवम्बर 1954 को परमकुडी, मद्रास राज्य, भारत में) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता, भारतीय सिनेमा के प्रमुख, किरदार को जीने वाले अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं।


रजनीकान्त (तमिलரஜினிகாந்த், Rajiṉikānt [?]);(मराठी:शिवाजीराव गायकवाड) एक तमिल एवं हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। इन्‍हे दक्षिण भारत मे भगवान की तरह पूजा जाता है।

Official Languages Of The World

Who needs help with their country’s official language?

In India, English is one of the two official languages (together with Hindi)
about 10% of India’s population speaks English well. And yet, English is an unequivocally important language in that region. English is commonly used in higher education and administration, and some call it the "de facto national language of India". Those who don’t speak it have more limited access to jobs and basic services.
In other regions, the situation may be even more dire. In Angola and Mozambique, Portuguese is the only official language
half of the population in Mozambique and 40% of the population in Angola don’t actually speak Portuguese.  And indeed, Portuguese is the second most popular language in the two countries: 21% of users in Mozambique and 12% of users in Angola are learning Portuguese.

राजभाषा, किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि सभी राजकीय प्रायोजनों में प्रयोग होती है। उदाहरणतः भारत की राजभाषा हिन्दी है।
 https://www.infoplease.com/world/countries-world/languages-spoken-each-country-world

Worldwide, 178 countries have at least one official language, and 101 of these countries recognise more than one language.



Writting System Of World Languages

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पंडित गौरीदत्त (1936 - 8 फ़रवरी 1906), देवनागरी के प्रथम प्रचारक व अनन्य भक्त थे। बच्चों को नागरी लिपि सिखाने के अलावा आप गली-गली में घूमकर उर्दू, फारसी और अंग्रेजी की जगह हिंदी और देवनागरी लिपि के प्रयोग की प्रेरणा दिया करते थे।
देवनागरी लिपि के गुण----
ध्वन्यात्मक क्रम (phonetic order) -एक ध्वनि के लिये एक सांकेतिक चिह्न -- जैसा बोलें वैसा लिखें।
एक सांकेतिक चिह्न द्वारा केवल एक ध्वनि का निरूपण -- जैसा लिखें वैसा पढ़ें।
मात्राओं की संख्या के आधार पर छन्दों का वर्गीकरण : यह भारतीय लिपियों की अद्भुत विशेषता है कि किसी पद्य के लिखित रूप से मात्राओं और उनके क्रम को गिनकर बताया जा सकता है कि कौन सा छन्द है। रोमन, अरबी एवं अन्य में यह गुण अप्राप्य है।
उच्चारण और लेखन में एकरुपता
लिपि चिह्नों के नाम और ध्वनि मे कोई अन्तर नहीं (जैसे रोमन में अक्षर का नाम “बी” है और ध्वनि “ब” है)
लेखन और मुद्रण मे एकरूपता (रोमन, अरबी और फ़ारसी मे हस्तलिखित और मुद्रित रूप अलग-अलग हैं)
देवनागरी, 'स्माल लेटर" और 'कैपिटल लेटर' की अवैज्ञानिक व्यवस्था से मुक्त है।
भारतवर्ष के साहित्य में कुछ ऐसे रूप विकसित हुए हैं जो दायें-से-बायें अथवा बाये-से-दायें पढ़ने पर समान रहते हैं। उदाहरणस्वरूप केशवदास का एक सवैया लीजिये :
मां सस मोह सजै बन बीन, नवीन बजै सह मोस समा।
मार लतानि बनावति सारि, रिसाति वनाबनि ताल रमा ॥
मानव ही रहि मोरद मोद, दमोदर मोहि रही वनमा।
माल बनी बल केसबदास, सदा बसकेल बनी बलमा ॥
इस सवैया की किसी भी पंक्ति को किसी ओर से भी पढिये, कोई अंतर नही पड़ेगा।
सदा सील तुम सरद के दरस हर तरह खास।
सखा हर तरह सरद के सर सम तुलसीदास॥
लिपि-विहीन भाषाओं के लिये देवनागरी-
दुनिया की कई भाषाओं के लिये देवनागरी सबसे अच्छा विकल्प हो सकती है क्योंकि यह यह बोलने की पूरी आजादी देता है। दुनिया की और किसी भी लिपि मे यह नही हो सकता है। इन्डोनेशिया, विएतनाम, अफ्रीका आदि के लिये तो यही सबसे सही रहेगा। अष्टाध्यायी को देखकर कोई भी समझ सकता है की दुनिया मे इससे अच्छी कोई भी लिपि नहीं है। अग‍र दुनिया पक्षपातरहित हो तो देवनागरी ही दुनिया की सर्वमान्य लिपि होगी क्योंकि यह पूर्णत: वैज्ञानिक है। अंग्रेजी भाषा में वर्तनी (स्पेलिंग) की विकराल समस्या के कारगर समाधान के लिये देवनागरी पर आधारित देवग्रीक लिपि प्रस्तावित की गयी है।


Writing systems worldwide. Principal scripts at the national level, with selected regional and minority scripts.



Types of Writing Systems-

Logographic-


Chinese
Jurchen
Khitan
Mixtec
Naxi
Nushu
Tangut


Logophonetic-

Akkadian
Aztec
Cretan Hieroglyphs
Cuneiform
Egyptian
Elamite
Epi-Olmec
Hittite
Indus Script
Japanese
Linear A
Linear B
Luwian
Maya
Sumerian
Teotihuacan
Zapotec
Syllabic-
Bengali
Brahmi
Buginese
Burmese
Byblos
Cherokee
Cree
Cypriot
Devanagari
Dhivehi
Ethiopic
Grantha
Gujarati
Gupta
Gurmukhi
hPhags-pa
Inuktitut
Javanese
Kadamba
Kalinga
Kannada
Kashmiri
Kawi
Kharosthi
Khmer
Landa
Lao
Lepcha
Malayalam
Mangyan
Meithei Mayek
Meroïtic
Modi
Nagari
Old Persian
Old Kannada
Oriya
Rejang
Sarada
South Asian Writing Systems
South Asian Writing Systems Comparison
Sinhala
Tagalog
Takri
Tamil
Telugu
Thai
Tibetan
Tocharian
Vatteluttu

Consonantal Alphabet or Abjad-


Arabic
Aramaic
Avestan
Berber
Hebrew
Nabataean
Old Hebrew
Pahlavi
Palmyrene
Phoenician
Proto-Sinaitic
Samaritan
Syriac
South Arabian
Thamudic
Tifinagh
Ugaritic

Syllabic Alphabet or Abugida-Image result for beautiful hindi handwriting
Bengali
Brahmi
Buginese
Burmese
Devanagari
Dhivehi
Grantha
Gujarati
Gupta
Gurmukhi
hPhags-pa
Javanese
Kadamba
Kalinga
Kannada
Kashmiri
Kawi
Kharosthi
Khmer
Landa
Lao
Lepcha
Malayalam
Mangyan
Meithei Mayek
Modi
Nagari
Old Kannada
Oriya
Rejang
Sarada
South Asian Writing Systems
South Asian Writing Systems Comparison
Sinhala
Tagalog
Takri
Tamil
Telugu
Thai
Tibetan
Tocharian
Vatteluttu



Segmental Alphabet-
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 Armenian
Coptic
Cyrillic
Etruscan
Faliscan
Futhark
Georgian
Glagolitic
Gothic
Greek
Korean
Latin
Lydian
Ogham
Old Hungarian
Oscan
Umbrian
Venetic



 


Geez Script

National & International Languages Of The World

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Mother Tongue जन्म लेने के बाद मानव जो प्रथम भाषा सीखता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। मातृभाषा, किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है।
अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस २१ फ़रवरी को मनाया जाता है। १७ नवंबर, १९९९ को यूनेस्को ने इसे स्वीकृति दी।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि विश्व में भाषाई एवँ सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता को बढ़ावा मिले।
आज जिस सामाजभाषाविज्ञान की चर्चा की जाती है, वह समाजशास्त्र और भाषाविज्ञान के मात्र अवमिश्रण का न तो परिणाम है और न ही वह सामाजिक-व्यवस्था और भाषिक व्यवस्था की कोई सह-संकल्पना है वह यह मानकर चलता है कि भाषा, समाज सापेक्ष प्रतीक व्यवस्था है और इस प्रतीक-व्यवस्था के मूल में ही सामाजिक तत्व निहित रहते है हम किसी एक व्यक्ति के लिए कहते हैं-
आप इधर आइए।
तो दूसरे व्यक्ति से बोलते है -
तू इधर आ
जब हम प्रतिष्ठा प्राप्त डॉक्टर या प्रोफेसर से कहते है-
कृपया बताइए कि....
जबकि किसी धोबी या मोची से बात करते हुए बोलते हैं -
तू यह बता कि...
इसी प्रकार अपने माता-पिता या दादा नाना से बहुवचन का प्रयोग करते हुए बोलते हैं-
आप यहाँ बैठें।
जबकि छोटे बेटे-बेटी या नाती-पोतों से बातचीत करते समय एकवचन का प्रयोग करते हुए कहते हैं-
तू यहाँ बैठ, या फिर तुम यहाँ बैठो।
एक ताज़ा भाषाई अनुमान के मुताबिक़ दुनिया में एक वक़्त कुल छह हज़ार आठ सौ नौ भाषाएँ बोली जाती थीं[] लेकिन उनकी संख्या तेज़ी से कम हो रही है। क्योंकि 90 प्रतिशत भाषाएँ ऐसी हैं जिनके बोलने वालों की संख्या एक लाख से कम है। 537 भाषाएँ ऐसी भी हैं जिनके बोलने वाले पचास से भी कम रह गए हैं लेकिन ज़्यादा अफ़सोसनाक हालत उन 46 भाषाओं की है जो आने वाले चंद सालों में ख़त्म होने वाली हैं क्योंकि उनके बालने वाला सिर्फ़ एक-एक ही इनसान बाक़ी रह गया है। चीन में बोली जाने वाली मन्दारिन भाषा आबादी के लिहाज़ से दुनिया की सबसे बड़ी भाषा समझी जाती है जबकि अंग्रेज़ी भाषा दूसरे नंबर पर है।हिंदी और उर्दू को अगर एक भाषा माना जाए तो आबादी के लिहाज़ से वो विश्व की तीसरी बड़ी भाषा है  


दस से पंद्रह करोड़ तक ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अपनी ज़रूरत के लिए अंग्रेज़ी सीखी है लेकिन ऐसे लोगों की संख्या अब तेज़ी से बढ़ रही है जिनकी न तो यह मातृ भाषा है और न ही संपर्क भाषा.अलबत्ता शिक्षा, रोज़गार या केवल बौद्धिक ज्ञान के विस्तार के उद्देश्य से उन्होंने अंग्रेज़ी में महारत हासिल की है। रेडियो, टीवी, फ़िल्म और ख़ासतौर पर इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ-साथ अंग्रेज़ी का इस्तेमाल भी बढ़ता जा रहा है। एक भाषा के तौर पर अंग्रेज़ी की प्रकृति को पूरी तरह समझने के लिए भाषा विज्ञान के कुछ आधारभूत सिद्धांतों का जानना ज़रूरी है। मसलन हमें मालूम होना चाहिए कि दुनिया भर की भाषाएँ किन समूहों में बँटी हैं और किसी भी भाषा के समझने के लिए उसकी उत्पत्ति जानना ज़रूरी है।

बोली भाषा की छोटी इकाई है। इसका सम्बन्ध ग्राम या मण्डल से रहता है। इसमें प्रधानता व्यक्तिगत बोली की रहती है और देशज शब्दों तथा घरेलू शब्दावली का बाहुल्य होता है। यह मुख्य रूप से बोलचाल की ही भाषा है। अतः इसमें साहित्यिक रचनाओं का प्रायः अभाव रहता है। व्याकरणिक दृष्टि से भी इसमें असाधुता होती है।
विभाषा का क्षेत्र बोली की अपेक्षा विस्तृत होता है यह एक प्रान्त या उपप्रान्त में प्रचलित होती है। एक विभाषा में स्थानीय भेदों के आधार पर कई बेलियां प्रचलित रहती हैं। विभाषा में साहित्यिक रचनाएं मिल सकती हैं।
भाषा, अथवा कहें परिनिष्ठित भाषा या आदर्श भाषा, विभाषा की विकसित स्थिति हैं। इसे राष्ट्र-भाषा या टकसाली-भाषा भी कहा जाता है।
प्रायः देखा जाता है कि विभिन्न विभाषाओं में से कोई एक विभाषा अपने गुण-गौरव, साहित्यिक अभिवृद्धि, जन-सामान्य में अधिक प्रचलन आदि के आधार पर राजकार्य के लिए चुन ली जाती है और उसे राजभाषा के रूप में या राष्ट्रभाषा घोषित कर दिया जाता है।
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इंटरनेट पर भी हिंदी का दबदबा बढ़ने जा रहा है। 2021 तक भारतीय भाषाओं वाले इंटरनेट यूजरों(53.6 करोड़) में एक तिहाई से अधिक हिंदी का इस्तेमाल करने वाले होंगे। यह तकनीक वाले इस युग में हिंदी की एक नई छलांग होगी।
दूसरे नंबर पर मराठी भाषा (5.1 करोड़) होगी। यह कुल इंटरनेट यूजरों का नौ प्रतिशत होगा। हिंदी और मराठी के बाद बंगाली (4.2 करोड़), तमिल (3.2 करोड़), तेलुगु (3.1 करोड़) और गुजराती (2.6 करोड़) का नंबर आएगा।
भारतीय भाषाओं में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में 99 प्रतिशत लोग मोबाइल के जरिये इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। कुल मिलाकर भारत में 78 प्रतिशत इंटरनेट यूजर मोबाइल के जरिये वेब एक्सेस करते हैं। 148 प्रतिशत इंटरनेट यूजर मानते हैं कि स्थानीय भाषाओं में डिजिटल कंटेंट इंग्लिश की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद है। Image may contain: 1 person
The top 8 languages of India according to Total speakers (including L2 and L3 speakers) according to 2001 census are:
Hindi — 551.4 Million.
English — 125.3 Million.
Bengali — 91.1 Million.
Telugu — 84.9 Million.
Marathi — 84.1 Million.
Tamil — 66.7 Million.
Urdu — 59.1 Million.
Kannada — 50.7 Million.

संघ की राजभाषा-
अनुच्छेद 343 में संघ की राजभाषा के संबंध में जो कहा गया है, उसका सार यह है कि संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संविधान के प्रारंभ से पंद्रह वर्ष के लिए सब राजकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी के प्रयोग के विषय में उस अनुच्छेद के खंड 2 में तथा उस कालावधि के पश्चात् अंग्रेजी भाषा के प्रयोग और अंकों के देवनागरी रूप के प्रयोग के विषय में उसी अनुच्छेद के खंड 3 में बताया गया है।